एक सोच क़हर है ढाने को,
एक सोच है जीवन पाने को,
लड़ना हर बात पर सोच है,
एक सोच है प्यार फैलाने को ।
पत्थर की मूरत सोच है,
मूरत, एक पत्थर, सोच ।
है सोच के अब तू हार गया,
एक सोच है हारा पाने को ।।
दिन का होना एक सोच है,
है सोच से रात में दिन ।
है सोच तो अग्नि भी पानी है,
पानी है सोच से आग ।।
तू अपनी सोच से आगे है,
दुनियाँ की आगे सोच,
तू सोच सोच न कर सका,
कोई करता है, एक पल सोच ।।
न तेरा कुछ, न मेरा कुछ,
सब सोच का,अब तू सोच,
है सोच अगर तू सोच सकें,
क्या तेरा ये भी सोच ?