आजा फिर करें एक बार,
वो एक ड़ोर में बंधे,
पास वाली मोहब्बत ।
बादलों से बरसने की,
ग़ुज़ारिश वाली मोहब्बत ।
चिड़ियों से चहकने की,
ख्वाहिश वाली मोहब्बत ।
वो शाम से ढलने की,
ख़्वाहिसे वाली मोहब्बत ।
वो चाँद से चांदनी की,
पूछने वाली मोहब्बत ।
वो अर्श से लेकर फ़र्श तक,
बिखरने वाली मोहब्बत ।।